ग्रामीण क्षेत्रों के 63 फीसदी लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दूसरे राज्य जाते हैं: रिपोर्ट

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के 60 फीसदी से ज्यादा लोग गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। स्टेट आफ हेल्थकेयर इन रूरल इंडिया-23 नाम के सर्वेक्षण में 20 राज्यों के 6,478 लोगों से बातचीत की गई। इसमें कहा गया है कि उत्तरी क्षेत्र के 60 प्रतिशत लोग बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्य जाते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अखिल भारतीय स्तर पर, ग्रामीण भारत का 10 प्रतिशत से कुछ अधिक हिस्सा गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाता है।

ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया और संबोधि रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के अध्ययन में पाया गया है कि इलाज के लिए ज्यादातर लोग सरकार संचालित द्वितीय स्तर के स्वास्थ्य केंद्र (करीब 60 प्रतिशत) में जाते हैं जबकि 22 फीसदी निजी केंद्रों और करीब पांच प्रतिशत लोग निजी डॉक्टरों से इलाज कराते हैं। इसमें कहा गया है कि पूर्वाेत्तर राज्यों में लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ैपलायनै को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं और इस क्षेत्र से सर्वेक्षण में शामिल 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बेहतर उपचार की तलाश में अपने राज्यों से बाहर जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी क्षेत्र से हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों के 60 फीसदी लोग जबकि मध्य क्षेत्र में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से 44 प्रतिशत लोग बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्य जाते हैं। इसमें कहा गया है कि पश्चिम, दक्षिण और पूर्व में क्रमश: 29 फीसदी, 28 प्रतिशत और 27 फीसदी लोग इलाज के लिए दूसरे राज्य जाते हैं। अखिल भारतीय स्तर पर ग्रामीण इलाकों के करीब 63 प्रतिशत लोग गंभीर बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्य जाते हैं। ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया के सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण मामलों के एसोसिएट निदेशक श्यामल संत्रा ने कहा कि मरीज की तसल्ली के लिए पिछड़े क्षेत्रों में खास ध्यान देने और इलाज के लिए दूर जाने की जरूरत को कम करने की आवश्यकता है।

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